My thoughts are my own. It may be interesting for you or it may not interest you at all. In any case, please provide your comments.
Monday, February 6, 2012
अहोरात्रि साधना
अस्ताचलगामी सूर्य को कौन करता है नमन ? हार कर जाता है वो रात भर सागर के शरण वहां जल में जल कर न जाने क्या तेज पाता? होते ही प्रभात हर नर - नारी उसको सर नवाता !
No comments:
Post a Comment